लोगों की राय

अतिरिक्त >> छात्र की परीक्षा

छात्र की परीक्षा

रबीन्द्रनाथ टैगोर

प्रकाशक : इण्डियन बुक बैंक प्रकाशित वर्ष : 2007
पृष्ठ :24
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 6257
आईएसबीएन :81-8115-014-7

Like this Hindi book 1 पाठकों को प्रिय

414 पाठक हैं

प्रस्तुत है पुस्तक छात्र की परीक्षा ......

Chhatr Ki Pariksha A Hindi Book by Ravindranath Tagore

प्रस्तुत हैं पुस्तक के कुछ अंश

सिर का सौदा

कोसल नरेश बड़े उदार प्रजा-वत्सल और प्रतापी राजा थे। वह दुखियों और बेसहारा के सहारा थे और अनाथों के नाथ। उनकी प्रसिद्धि दूर-दूर तक फैली थी। उनके यश और कीर्ति से जलकर काशी के राजा मन-ही-मन कोसल नरेश के प्रति द्वेष से भर उठे- ‘‘हम से छोटा है वह और उसका इतना मान ?

स्वयं मेरी प्रजा मुझसे ज्यादा कोसल के राजा को चाहती है।’’
काशी के राजा ने एक दिन अपने सेनापति को बुलाकर कहा- ‘‘सेनापति, अपनी तलवारें निकालो, सेना इकट्ठी करो और कोसल के राजा को मुझसे बढ़कर यशस्वी होने का मजा चखा दो।’’

भीषण युद्ध हुआ। आखिर काशी के राजा की जीत हुई। कोसलराजा हार कर अपना राज्य छोड़कर वन में भागने को मजबूर हुए। लज्जा और दुख से भरे कोसल के राजा वन में ही प्रभु इच्छा पर जीने और अपना प्रताप फैलाने लगे।

काशी के राजा अपनी विजय की खुशी में और भी दंभ और अभिमान से चूर हो उठे। अपने दरबार में घोषणा करते हुए बोले- ‘‘संसार में शक्तिशाली ही अपना सच्चा यश फैला सकता और अपने मान और धन की रक्षा कर सकता है। एक कमजोर और हारे हुए व्यक्ति का कौन यश गाएगा ?’’

प्रथम पृष्ठ

अन्य पुस्तकें

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai